अगरतला: त्रिपुरा के सरकारी कला एवं शिल्प महाविद्यालय में बिना साड़ी के देवी सरस्वती की मूर्ति की तस्वीरें बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मूर्ति को कॉलेज के छात्रों ने तैयार किया था।
तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने के तुरंत बाद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और बजरंग दल समर्थकों के एक समूह ने विरोध प्रदर्शन किया और कॉलेज परिसर में घुसकर संस्थान के अधिकारियों को देवी सरस्वती की मूर्ति को साड़ी पहनाने के लिए मजबूर किया।
छात्र संगठनों के अनुसार, मूर्ति को बिना साड़ी के छोड़ना "अश्लील" और "भारतीय संस्कृति और धार्मिक भावनाओं की भावना के विपरीत" था।
त्रिपुरा की एबीवीपी इकाई के संयुक्त सचिव दिबाकर अचार्जी ने इसे संस्थान के इस कदम से उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला कदम बताया। “जैसा कि हम सभी जानते हैं, आज बसंत पंचमी है और पूरे देश में देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। सुबह हम सभी को खबर मिली कि राजकीय कला एवं शिल्प महाविद्यालय में देवी सरस्वती की मूर्ति बेहद गलत और अश्लील तरीके से गढ़ी गयी है। हम तुरंत स्थान पर पहुंचे और अपना विरोध शुरू कर दिया। हमने कॉलेज अथॉरिटी से वहां पूजा बंद करवा दी और छात्रों को मूर्ति पर साड़ी लपेटने के लिए मजबूर किया। हम किसी भी शैक्षणिक संस्थान में इस प्रकार की पहल का कड़ा विरोध करते हैं।''