'हर बाधा को तोड़ दिया': सुप्रीम कोर्ट ने 'अवज्ञा' के लिए बाबा रामदेव, पतंजलि को फटकार लगाई

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नई दिल्ली: योग गुरु बाबा रामदेव ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से "बिना शर्त माफी" मांगी, जब पीठ ने पहले के नोटिस का पालन न करने पर उनकी कंपनी को फटकार लगाई। शीर्ष अदालत ने भ्रामक विज्ञापन मामले में पतंजलि आयुर्वेद को फटकार लगाई, और कंपनी को "पूर्ण अवज्ञा" के लिए बुलाया।

कंपनी द्वारा भ्रामक विज्ञापन के संबंध में अदालत के पहले के आदेश की अवहेलना के बाद बाबा रामदेव और पतंजलि के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण को 2 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने तलब किया था।

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने मंगलवार को कहा, "सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही नहीं, इस देश भर की अदालतों द्वारा पारित हर आदेश का सम्मान किया जाना चाहिए... यह पूरी तरह से अवहेलना है।"

पीठ ने अदालत में मौजूद बालकृष्ण और रामदेव से कहा, "आपको अदालत को दिए गए वचन का पालन करना होगा और आपने हर बाधा तोड़ दी है।"

अदालत ने औषधि एवं प्रसाधन सामग्री (जादुई उपचार) अधिनियम को ''पुराना'' बताने के लिए पतंजलि के एमडी को भी फटकार लगाई।

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 शीर्ष अदालत ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि जब पतंजलि यह कहते हुए शहर जा रही थी कि एलोपैथी में कोविड का कोई इलाज नहीं है, तो केंद्र ने अपनी आंखें बंद क्यों रखीं।

रामदेव की ओर से पेश वरिष्ठ वकील बलबीर सिंह ने अदालत से योग गुरु की उपस्थिति और उनकी बिना शर्त माफी पर ध्यान देने का आग्रह किया।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा, ''जो हुआ वह नहीं होना चाहिए था'' और उन्होंने पूरे मुद्दे का समाधान ढूंढने में पक्षकारों के वकील की मदद करने की पेशकश की।

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