लंदन: लंदन में उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को जेल में बंद हीरा कारोबारी नीरव मोदी के खिलाफ एक संक्षिप्त फैसला सुनाया और उसे बैंक ऑफ इंडिया को 8 मिलियन डॉलर का भुगतान करने को कहा।
सारांश निर्णय वह होता है जहां कोई पक्ष अदालत में मौजूद नहीं होता है या अदालत को उनके मामले में कोई योग्यता नहीं दिखती है। बैंक ऑफ इंडिया ने मोदी की दुबई स्थित कंपनी फायरस्टार डायमंड FZE से 8 मिलियन डॉलर की वसूली के लिए लंदन के हाई कोर्ट में अर्जी दायर की थी।
शुक्रवार का फैसला बैंक को दुबई इकाई से वसूली प्रक्रिया शुरू करने और दुनिया में कहीं भी मोदी की संपत्तियों और परिसंपत्तियों की नीलामी करने की अनुमति देता है। नीरव मोदी फिलहाल ब्रिटेन की थेमसाइड जेल में बंद है।
रॉयड्स विथी किंग के सॉलिसिटर मिलन कपाड़िया द्वारा निर्देशित और बीओआई का प्रतिनिधित्व करने वाले बैरिस्टर टॉम बेस्ली ने न्यायाधीश को प्रभावित किया कि नीरव मोदी की सफलता की कोई संभावना नहीं थी और मामले की सुनवाई की कोई आवश्यकता नहीं थी।
बकाया राशि उस क्रेडिट सुविधा से उत्पन्न हुई जो बैंक ने नीरव मोदी के पास थी। 8 मिलियन अमेरिकी डॉलर के फैसले में 4 मिलियन डॉलर मूलधन और 4 मिलियन डॉलर का ब्याज शामिल है।