नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को सामाजिक कार्यकर्ता और नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर को दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा उनके खिलाफ दर्ज कराए गए मानहानि मामले में दोषी ठहराया।
साकेत कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट राघव शर्मा ने पाटकर को आपराधिक मानहानि का दोषी पाया था। कानून के मुताबिक, उसे सजा के तौर पर दो साल की जेल या जुर्माना या दोनों मिल सकते हैं।
पाटकर और दिल्ली एलजी दोनों ही 2000 से कानूनी लड़ाई में फंसे हुए हैं, जब उन्होंने उनके और नर्मदा बचाओ आंदोलन (एनबीए) के खिलाफ विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया था।
पाटकर और दिल्ली एलजी दोनों ही 2000 से कानूनी लड़ाई में फंसे हुए हैं, जब उन्होंने उनके और नर्मदा बचाओ आंदोलन (एनबीए) के खिलाफ विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया था।