नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में 3 जुलाई तक अपनी जांच पूरी करने और अंतिम आरोप पत्र दाखिल करने की प्रतिबद्धता जताई।
शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले में सुनवाई तब तक शुरू नहीं हो सकती जब तक कि एजेंसियां अपनी जांच पूरी नहीं कर लेतीं और दिन-प्रतिदिन की सुनवाई के लिए कोई भी निर्देश सरासर "आवश्यक" जनादेश होगा।
एजेंसियों ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान अपनी जांच पूरी होने पर यह बयान दिया, जिन्होंने जमानत पर रिहाई के लिए मुकदमे की शुरुआत में देरी को मुख्य आधार बताया।
न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की अवकाश पीठ ने कहा कि जब तक सीबीआई और ईडी अपनी जांच पूरी नहीं कर लेते और आवश्यक आरोप पत्र दाखिल नहीं कर देते, मुकदमा आगे नहीं बढ़ सकता। समय पर सुनवाई के महत्व को पहचानते हुए, पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि जांच पूरी किए बिना त्वरित सुनवाई का कोई भी आदेश अव्यावहारिक और महज भ्रमपूर्ण होगा।