आयकर विभाग के छापे क्या BBC पर भविष्य में भारत में बैन के संकेत है?

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नीरज शर्मा
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मंगलवार को BBC के दिल्ली स्थित दफ्तर के बाहर मीडियाकर्मियों का जमावड़ा

मंगलवार को BBC के दिल्ली स्थित दफ्तर के बाहर मीडियाकर्मियों का जमावड़ा

नई दिल्ली: IT raids on BBC: भारत के इतिहास में ब्रिटेन के सरकारी खर्चे पर चलने वाली मीडिया कंपनी BBC पर दूसरी बार संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

पहली बार इंदिरा गांधी द्वारा 1970 में पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग के लिए प्रतिबंध लगाए जाने के 53 सालों के बाद अब नरेन्द्र मोदी की सरकार ने BBC के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

भारत सरकार और BBC के बीच में हालिया टकराव पिछले महीने तब शुरू हुआ जब ब्रिटिश चैनल ने अपनी एक documentary के जरिये प्रधानमंत्री मोदी पर सीधा निशाना साधा।

दो हिस्सों में बनी BBC documentary के पहले भाग में 2002 के गुजरात दंगों में मोदी की भूमिका पर एकतरफ़ा कहानी गढ़ी गई, बावजूद इस तथ्य के कि सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार मोदी पर लगे आरोपों को खारिज किया है।

दूसरे भाग में, BBC के अनुसार उसकी documentary मोदी और देश के मुसलमानों के बीच बिगड़ते संबंधों को दिखाती है।

यह documentary BBC ने अपने BBC 2 चैनल पर प्रसारित किया था जो कि भारत के दर्शकों के लिए उपलब्ध नहीं है। इसका सीधा मतलब है कि यह documentary भारत के दर्शकों के लिए नहीं बनाई गई थी। 

फिर भी, YouTube, Twitter और अन्य माध्यमों के जरिये इस documentary को फैलते हुए देखकर, मोदी सरकार ने न केवल BBC documentary को सिरे से खारिज़ किया बल्कि ऐसे सभी लिंक्स को block करने का आदेश जारी कर दिया।

इस विभाजनकारी documentary के चलते देशभर में टकराव की स्थिति पैदा हुई और तमाम विपक्षी पार्टियों ने, जिसमें BBC पर एक ज़माने में प्रतिबंध लगाने वाली इंदिरा गांधी की कांग्रेस भी शामिल थी, मोदी सरकार पर धावा बोल दिया।

पत्रकार एन राम, वकील प्रशांत भूषण और एम एल शर्मा ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका भी डाली जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी करते हुए लिंक्स को हटाने के आदेश का ब्यौरा मांगा। 

मामले की अगली सुनवाई अब अप्रैल में होगी।

जब सभी को लगने लगा कि मामला रफ़ा-दफ़ा हो चुका है, मंगलवार को अचानक से खबर आई कि BBC के दिल्ली और मुंबई दफ्तर पर इनकम टैक्स के छापे पड़े हैं। 

सूत्रों के मुताबिक, इंटरनेशनल टैक्स में गड़बड़ी को लेकर बीबीसी दफ्तर पर आईटी की ये सर्चिंग चल रही है।

BBC पर एक समय देश में प्रतिबंध लगाने वाली कांग्रेस फिर से अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर मोदी सरकार पर हमलावर होती दिखी। वहीं बीजेपी ने इसे कानून के दायरे में उठाया गया कदम बताया।

BBC ने कहा कि वह जांच में बराबर सहयोग कर रही है।

इस बीच एक बात तो तय है कि इस आयकर विभाग के छापे के पीछे की वजह वो एकतरफ़ा documentary ही है जिसने "आ बैल मुझे मार" कहावत को चरितार्थ कर दिया है।

यह देखते हुए कि दुनिया भर की तमाम सरकारें इस तरह के हथकंडे अपनाती रहती हैं, ये छापे कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन, एक बात साफ है कि मोदी सरकार किसी भी विदेशी ताकत को इतनी आसानी से कुछ भी कह कर निकल जाने नहीं देगी।

छापों में कोई गड़बड़ी मिलती है या नहीं, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन मोदी सरकार पूरी तैयारी में दिख रही है। BBC के खिलाफ ऐसा ही आयकर सर्वे 2009 में तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम ने करवाया था। 

BBC की documentary मधुमक्खी के छत्ते में हाथ डालने से ज़रा सा भी कम नहीं था। पुराने रिकॉर्ड्स खंगालने के बाद मोदी सरकार को BBC की गड़बड़ियों में जांच का मौका हाथ लगा।

इन घटनाक्रमों को देखते हुए BBC पर 53 सालों के बाद दूसरी बार प्रतिबंध की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है लेकिन फिलहाल सरकार का यह इरादा नहीं है।

अभी तक यह मामला BBC को भारतीय कानूनों के तहत देश में बिज़नेस करने को मज़बूर करने तक सीमित है। और ऐसा होने पर BBC के लिए भारत से मुनाफ़ा कमाकर ब्रिटेन भेजना मुश्किल हो जाएगा।

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