मम्मी की छोड़ी अमेठी सीट से 2004 में चुनावी राजनीति में दाखिल होने और 2019 में उसे गंवाने के बाद राहुल गांधी 2024 में एक बार फिर से सोनिया गांधी की छोड़ी सीट पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
गांधी परिवार इस बात से आश्वस्त था कि अमेठी को बीजेपी सांसद स्मृति ईरानी से जीतना अब मुमकिन नहीं होगा और इसी वजह से वहां से परिवार के वफादार किशोरी लाल शर्मा को उतार दिया।
परिवार के आखिरी किले रायबरेली को बचाने के लिए राहुल गांधी मैदान में उतरे तो जरूर हैं लेकिन उनकी जीत की राह आसान नहीं रहने वाली है।
उन्हें बीजेपी उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह से कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है जो पिछले चुनाव में सोनिया गांधी से केवल 1,67,000 मतों से हारे थे।
इससे पहले सोनिया गांधी रायबरेली से तीन लाख से ज्यादा मतों से जीतती रही थीं।
कई राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि राहुल गांधी के लिए सोनिया गांधी जितना वोट जुटा पाना टेढ़ी खीर होगी और ऐसे में केवल 80,000 मतों के इधर से उधर होने से रायबरेली बीजेपी के खाते में जा सकती है।
इसके साथ ही कांग्रेस का उत्तर प्रदेश से पूरा सफाया हो जाएगा।
वायनाड के बाद रायबरेली राहुल के लिए दूसरी सीट है जहां से वह 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। CPI(M) के मुखिया डी राजा की पत्नी एन्नी राजा और बीजेपी उम्मीदवार के सुरेन्द्रन के मैदान में ताल ठोकने के बाद वायनाड भी उनके लिए सुरक्षित सीट नहीं रह गई।
ऐसे में राहुल के लिए सांसद बनना संदेह के घेरे में आ गया है।